मिस्री अल-यौम के अनुसार, यह भारतीय कुरआन मदीना संग्रहालय में एक मूल्यवान कृति के रूप में जुड़ेगा और इस्लामी सुलेख कला तथा विभिन्न कालखंडों में कुरआन की दुर्लभ हस्तलिखित प्रतियों के संरक्षण पर एक संक्षिप्त दृष्टि प्रदान करेगा।
इस हस्तलिखित कुरआन के बारे में कहा जाता है कि इसे विशेष सावधानी और परिश्रम से लिखा गया है। यह भारतीय मुसलमानों की समृद्ध सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत को दर्शाता है। मदीना संग्रहालय में इसका प्रदर्शन आगंतुकों और शोधकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करेगा और सदियों से कुरआन के संरक्षण और लेखन में किए गए अथक प्रयासों को उजागर करेगा।
अखबार 'ओनली कश्मीर' (Only Kashmir) के अनुसार, मदीना का कुरआन संग्रहालय एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक ऐतिहासिक स्थल है, जिसका उद्देश्य कुरआन की महानता को प्रदर्शित करना है। इसमें इस्लामी दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लाई गई हस्तलिखित और दुर्लभ कुरआन प्रतियों का विस्तृत संग्रह है।
इस भारतीय हस्तलिखित कुरआन का प्रदर्शन संग्रहालय में प्रदर्शित कलाकृतियों की विविधता को बढ़ाएगा और दुनिया भर के मुसलमानों के दिलों में कुरआन के स्थान को दर्शाएगा।
जल्द ही इस कुरआन के प्रदर्शन की आधिकारिक तिथि की घोषणा की जाएगी, और आगंतुकों के लिए इस ऐतिहासिक और कलात्मक उत्कृष्ट कृति को देखने का अवसर उपलब्ध होगा।
4295452